...once upon a time

...once upon a time

sawan barsa karta tha,

gulshan mehka karta tha,
aangan mein chhyi-chhap kar-ke,
bachpan chehka karta tha.

Monday 15 November, 2010

दो चुटकी ताज़ा हवा

आज दो चुटकी ताज़ा हवा चली है.
कुछ मील दूर वाले,
कोहसार की जेब से निकला हुआ,
सर्दी का तोहफा सा लगने वाली ये हवा,
ज़र्द पड़ रहे पत्तों के गालों पर जैसे नमी कि मालिश कर रही है,
मेरे दरवाजे पर पल रहे, नौजवां अमरुद के पेड़ के फलों में भी शायद अबके सर्दी,
यह छुअन, पकेगी मिठास बनकर.
इसी अहसास को छूने एक जिद्दी ठूंठ कि भी बाजु हिली है..
कि आज,
"दो चुटकी ताज़ा हवा चली है."
-विजय 'समीर'

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