...once upon a time

...once upon a time

sawan barsa karta tha,

gulshan mehka karta tha,
aangan mein chhyi-chhap kar-ke,
bachpan chehka karta tha.

Sunday 12 June, 2011

इंजीनियरिंग ही नहीं इकोनॉमिक्स भी

जयपुर. आईआईटी जेईई में रैंक हासिल करने वाले छात्रों को 17 जून तक काउंसलिंग के लिए आईआईटी और ब्रांच के विकल्प भरने हैं। जहां इंजीनियरिंग में ढेरों विकल्प हैं, वहीं जेईई के जरिए पारंपरिक पाठ्यक्रमों के अलावा भी कई विकल्प चुने जा सकते हैं, जो कॅरिअर के लिहाज से किसी भी तरह कम नहीं हैं।

ऐसे विकल्प उन छात्रों के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं, जो जेईई में बहुत अच्छी रैंक हासिल नहीं कर सके हैं। सत्र 2011-12 में 15 आईआईटी और दो अन्य संस्थानों की कुल 9618 सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया चालू है। किसी छात्र के अगर 10 हजार रैंक भी है तो उसे आईआईटी के किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलने की संभावना है। वहीं छात्रों में यह धारणा भी है कि शुरुआती 1500 रैंक तक ही अच्छी आईआईटी और अच्छी ब्रांच मिल सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर केवल इंजीनियरिंग की बात नहीं करें तो 5000 से 7000 तक रैंक वाले छात्र को भी अच्छी आईआईटी या अच्छी ब्रांच मिल सकती है।

लगभग 30 विकल्प ऐसे हैं जो 5000वीं रैंक वाले छात्र को आसानी से मिल सकते हैं। आईटी-बीएचयू में सेरेमिक इंजीनियरिंग, आईआईटी खड़गपुर में एप्लाइड जूलॉजी, एक्सप्लोरेशन जियोफिजिक्स और इकोनॉमिक्स, आईआईटी रूड़की में पॉलीमर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईएसएम धनबाद में माइनिंग जैसे यह विकल्प किसी भी तरह से आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग जैसे बेहद मांग वाले पाठ्यक्रम पढ़ने से कम नहीं हैं।

केवल इंजीनियरिंग ही नहीं: ऐसा नहीं है कि जेईई के जरिए केवल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में ही प्रवेश लिया जा सकता है। अगर पसंद की इंजीनियरिंग ब्रांच नहीं मिले तो इकोनॉमिक्स, कैमिस्ट्री और फिजिक्स जैसे पाठ्यक्रम भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं। यह कोर्स पांच साल के इंटीग्रेटेड प्रोग्राम हैं, जिन्हें पूरा करने पर एमएससी की डिग्री दी जाती है।

प्रमुख ऑफबीट पाठ्यक्रम: जियोफिजिकल टेक्नोलॉजी (एमटेक, ड्यूल), कैमिस्ट्री (एमएससी, इंटीग्रेटेड), प्रोसेस इंजीनियरिंग विद एमबीए (एमबीए), फिजिक्स (एमएससी), जियोलॉजिकल टेक्नोलॉजी (एमटेक, ड्यूल), एक्सप्लोरेशन जियोफिजिक्स (एमएससी, इंटीग्रेटेड), इकोनॉमिक्स (एमएससी, इंटीग्रेटेड), एप्लाइड जियोलॉजी (एमएससी, इंटीग्रेटेड), सेरेमिक इंजीनियरिंग (बीटेक), पल्प एंड पेपर इंजीनियरिंग (बीटेक)

आईआईटी बॉम्बे में होगा टेस्ट: पिछले वर्षो में यह देखा गया कि अच्छी रैंक के आधार पर कुछ छात्रों को आईआईटी बॉम्बे में प्रवेश तो मिल जाता है, मगर उनकी अंग्रेजी खराब होती है। इससे पहले सेमेस्टर में ही उनकी परफॉर्मेस बिगड़ जाती है और उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ता है, इसलिए सेमेस्टर की शुरुआत में ही अंग्रेजी का प्रोफिशियेंसी टेस्ट लिया जाएगा। जो छात्र इसमें 20 प्रतिशत से कम अंक हासिल करेंगे और जिनके फिजिक्स, कैमिस्ट्री व मैथ्स में 150 से कम अंक हैं, उनके लिए एक सेमेस्टर का अतिरिक्त पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।